तुर्की और पाकिस्तान की तमाम मुस्लिम मुल्कों को एक करने की कोशिश।
पिछले कुछ दिनों से इस्राइल की तरफ से फलस्तीन पर जो हमले किये जा रहे हैं उसको लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्री क़ुरैशी ने कहा कि यूरोप के मुसलमानों को इस मामले में सक्रिय भूमिका अदा करनी चाहिए। इसराइली सुरक्षा बलों और फ़लस्तीनी इस्लामिक चरमपंथी संगठन हमास के बीच लड़ाई में पिछले कुछ दिनों में गज़ा में 100 और इसराइल में सात लोगों की जान जा चुकी है। हमास भी लगातार तेल अवीव पर रॉकेट से हमले कर रहा है तो दूसरी तरफ़ इसराइल गज़ापट्टी में हमास के ठिकानों को निशाने पर ले रहा है। अब इसराइल ने गज़ा में सेना और टैंक भेजा है और ज़मीन से कार्रवाई होने जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो बाइडन ने इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से बात की थी लेकिन अब तक कोई शांति कायम होती नहीं दिख रही है। रेडियो पाकिस्तान के अनुसार शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि तुर्की और पाकिस्तान साथ मिलकर फ़लस्तीन के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की आम सभा की आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग करेंगे। मुल्तान में ईद की नमाज़ के बाद पत्रकारों से क़ुरैशी ने कहा तुर्की और पाकिस्तान ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन में 57 मुस्लिम देशों के बीच सहमति बनाने की कोशिश करेंगे और इसके बाद यूएनजीए में फ़लस्तीन मुद्दे पर बैठक बुलाने की मांग की जाएगी। इसराइल के ख़िलाफ़ इस्लामिक देशों की ओर से बयान आ रहे हैं लेकिन पूरे मामले में तुर्की और पाकिस्तान सबसे ज़्यादा बोल रहे हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन इस्लामिक देशों को एकजुट होने की बात कर रहे हैं. गुरुवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने मुल्तान में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ''यूरोप में मुस्लिम सांसदों का प्रभाव है और उन्हें फ़लस्तीन के मुद्दे को उठाना चाहिए ताकि अभी जो कुछ भी हो रहा है उसका समाधान खोजा जा सके. पाकिस्तान कोशिश कर रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसराइल के ख़िलाफ़ एकजुट किया जा सके. हम चाहते हैं कि इसराइली सुरक्षाबलों की क्रूरता रुके. पूरा पाकिस्तान कश्मीरी और फ़लस्तीनी भाइयों के साथ खड़ा है.''